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*चेम्बर ऑफ कॉमर्स के टॉक शो में आनंद चौकसे ने दिया मार्गदर्शन*

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*चेम्बर ऑफ कॉमर्स के टॉक शो में आनंद चौकसे ने दिया मार्गदर्शन*
*छोटे शहरों में है बड़े अवसर थीम पर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स का टॉक शो सम्पन्न*
खण्डवा।पूर्व निमाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा छोटे शहरों में भी है बड़े अवसर पर टॉक शो कार्यक्रम सुनील बंसल की अध्यक्षता व उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल सचिव सन्तोष गुप्ता कोषाध्यक्ष गोवर्धन गोलानी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम में बुरहानपुर जैसे छोटे शहर में मैक्रोविजन स्कूल ,आल इज वेल व अनेको सौगात देने वाले संस्थापक के रूप में बड़ा काम कर दिखाने वाले आनन्द चौकसे ने प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान किया।कार्यक्रम के सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार और सेठी ग्रुप के चेयरमैन डॉ आलोक सेठी ने प्रश्नों के माध्यम से आनंद चौकसे से टॉक शो किया।मीडिया प्रभारी नारायण बाहेती व कमल नागपाल ने बताया कि अग्रवाल धर्मशाला में नियत समय 7-25 के 2 मिनट पूर्व सैकड़ो की संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति में कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। अध्यक्ष सुनील बंसल ने स्वागत उद्बोधन देते हुये कार्यक्रम की जानकारी दी।
आलोक सेठी ने शेर के माध्यम से अपना प्रश्न करते हुए कहाकि हाथों से चिरागों को बुझाने की सजा है ,खुद अपने जुगनुओं को छिपाने की सजा है।शहरों में किराए का मकान ढूंढ रहे हम ,यह गाँव छोड़कर आने की सजा है ।नयी जनरेशन अब छोटे शहरों में रुकना नहीं चाहती है क्या उपाय है।
इसके जवाब में आनंद चौकसे ने कहाकि जब अपने शहर में काम करने की स्पीड मिलेगी तो कोई भी शहर छोड़कर नहीं जाएगा।बच्चों को स्पीड चाहिये।स्पीड यानी विचारों की,काम की,काम को करने की।यही स्पीड अपने शहर में दोगे तो बच्चा कभी भी दूसरे शहर में नहीं जाएगा।छोटे शहरों में काम के लिए टीम तो मिल जाती है।अच्छे लीडर मिलने में दिक़्क़त है।इसका क्या उपाय है। इसका जवाब देते हुए श्री चौकसे ने कहाकि कर्मचारी को कर्मचारी न समझते हुए हमारा सहयोगी माने।उसके सुख दुःख में साथी बने।उसकी आवश्यकता के समय उसके काम आए।तो वह कभी भी काम छोड़कर नहीं जाएगा व अच्छा लीडर भी बन जाएगा।समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि आलोक सेठी द्वारा वार्ता में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में मोटिवेशनल स्पीकर आनंद चौकसे ने कहाकि अपने बच्चों को घरों में ऐसा माहौल दे कि वह नया सोचे ,तभी आइडिया आएगा,क्योंकि अब सिर्फ बिकता है आइडिया। 2 घण्टे तक चले कार्यक्रम में डॉ नारायण प्रजापति, नारायण बाहेती, सुनील जैन, मनिका बोथरा आदि ने प्रश्न पूछे ।श्री चौकसे ने सभी की जिज्ञाशा की शांत किया । आनंद चौकसे ने आलोक सेठी के प्रश्नो का जवाब देते हुए समय प्रबंधन, मुहर्त कुंडली, हार्डवर्क बनाम स्मार्ट वर्क, नए स्कोप के बारे में उदाहरण देते हुए विस्तृत जानकारी दी। अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में समय के महत्व को समझते हुए घड़ी प्रदान की गई।कार्यक्रम में अध्यक्ष सुनील बंसल, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल,सचिव सन्तोष गुप्ता,कोषाध्यक्ष गोवर्धन गोलानी,नारायण बाहेती, प्रकाश नरेडी,मनीष अग्रवाल,सुभाष मेहता,सुनील जैन,कमल नागपाल, बी डी सनखेरे,अनिमेष हुमड़,दिलीप दशोरे,राजीव शर्मा सहित बड़ी संख्या में व्यापारी,उद्योगपति, शहर विकास में रुचि रखने वाले गणमान्यजन उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन व आभार सन्तोष गुप्ता ने किया।

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